• 09 Jul, 2025

चार लाइन सैड शायरी - दर्द भरी तन्हाई के अल्फाज़

10 चार लाइन की शायरी जो आपके टूटे दिल और अकेलेपन के दर्द को लफ़्ज़ों में बयां करती हैं

खामोशियाँ ही अब मेरी ज़ुबान बन गई हैं,
आँखें रोती हैं, मुस्कान बन गई हैं।
जिसे समझा था जिंदगी का हिस्सा,
आज वही सबसे बड़ी थकान बन गई हैं।

बहुत थक चुका हूँ अब मुस्कुराते हुए,
हर रोज़ टूटता हूँ खुद को निभाते हुए।
जो दर्द देता है वो बड़ा अपना लगता है,
दिल रोता है पर सबके सामने हँसता है।

वो रिश्ते ही क्या जो समझ से परे हों,
वो वादे ही क्या जो हर पल अधूरे हों।
जिसे तुम समझे थे अपनी जान,
वो औरों के लिए सबसे प्यारे हों।

दिल टूटा है मगर आवाज़ नहीं निकली,
हमसे मोहब्बत की पर नीयत कभी नहीं बदली।
किस्मत में लिखा था बिछड़ना शायद,
वरना हमारी चाहत तो सच्ची निकली।

हर बार सोचते हैं भूल जाएंगे,
पर तेरी यादें दिल में उतर ही जाती हैं।
तेरा नाम सुनते ही रुक जाती हैं साँसें,
अब तो तन्हाई भी तेरे बिना तंग लगती है।

जिसे चाहा वो कभी अपना नहीं हुआ,
जिस पर एतबार किया वो वफ़ा नहीं हुआ।
छुपाए थे जिस दिल में हज़ारों अरमान,
वही दिल अब हमारा नहीं रहा।

तू मेरी ज़िंदगी में आया तो था,
मगर तूने सुकून नहीं, सिर्फ़ आंसू दिए।
हमने तो सब कुछ तुझ पर वार दिया,
तूने ही हमें पराया कर दिए।

कभी सोचा नहीं था तुमसे दूर होंगे,
तेरे बिना ऐसे मजबूर होंगे।
तेरी खामोशियाँ अब सवाल बन गईं,
और हम हर जवाब में चूर होंगे।

आँखों में नींद कम, ख्वाब ज़्यादा हैं,
तेरी यादों के असर बेहिसाब ज़्यादा हैं।
जिन लम्हों में तुझे ढूंढते हैं हम,
वो लम्हें अब हमारे ज़ख्मों के हिसाब ज़्यादा हैं।

अब ना कोई शिकायत है, ना कोई सवाल,
तेरा जाना ही था शायद मेरा हाल।
जो कभी जिंदगी हुआ करता था,
आज बस एक बीती कहानी सा ख्याल।